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Koderma Elephants Trapped: कोडरमा में निर्माणाधीन ऐश पौंड में फंसे दो विशाल हाथी, रेस्क्यू टीम का इंतजार

बंगाल के बांकुड़ा से हाथियों को रेस्क्यू करने वाली एक विशेष टीम को भी बुलाया गया है, जो हाथियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने में मदद करेगी।

by Reeta Rai Sagar
Two wild elephants trapped in an under-construction ash pond in Koderma, awaiting rescue.
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ढाई सौ एकड़ में फैला है KTPS का ऐश पौंड, रेस्क्यू के लिए बांकुड़ा से बुलाई जा रही है टीम

Koderma (Jharkhand): झारखंड के कोडरमा स्थित कोडरमा थर्मल पावर प्लांट (KTPS) के विस्तारीकरण इकाई के लिए बनाए जा रहे एक निर्माणाधीन ऐश पौंड में शनिवार सुबह एक अप्रत्याशित घटना घटी। झुंड से भटककर आए दो विशालकाय हाथी इस पौंड में फंस गए, और उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। ऐश पौंड में हाथियों के अचानक दिखने से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है।

ढाई सौ एकड़ में फैला है ऐश पौंड

लगभग ढाई सौ एकड़ से अधिक भूमि पर इस विशाल ऐश पौंड का निर्माण किया जा रहा है। माना जा रहा है कि ऐश पौंड के दक्षिणी छोर पर बन रही बाउंड्री में किसी तरह जगह बनाकर हाथी प्लांट परिसर में दाखिल हुए और फिर ऐश पौंड में जाकर फंस गए। इस पौंड के चारों ओर तकरीबन 25 से 30 फीट ऊंची दीवार बनाई गई है, जिसके कारण हाथियों के लिए पौंड से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

ड्रोन से रखी जा रही है हाथियों पर नजर

हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है। फिलहाल, रेंजर रविंद्र कुमार के नेतृत्व में वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंच चुकी है, जो हाथियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास कर रही है। प्लांट के चीफ इंजीनियर मनोज ठाकुर ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है और आम लोगों से अपील की है कि वे इस क्षेत्र में आवाजाही कम करें ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम हाथियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएगी।

दो महीने में चार लोगों की मौत

वहीं, मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि दो विशालकाय हाथियों के क्षेत्र में होने से उनमें दहशत का माहौल है। उन्होंने यह भी बताया कि इन हाथियों ने पिछले दो महीनों में चार लोगों को कुचलकर मार डाला है। लोगों ने हाथियों को रिहायशी इलाकों से खदेड़ने में वन विभाग पर लापरवाही का आरोप भी लगाया।

बंगाल से बुलाई गई रेस्क्यू टीम

दूसरी तरफ, मौके पर पहुंचे रेंजर रविंद्र कुमार ने कहा कि वन विभाग की टीम हाथियों को लगातार वन क्षेत्र में खदेड़ती है, लेकिन हाथी किसी न किसी तरह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर जाते हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल पटाखे और मशाल के जरिए हाथियों को भगाने का प्रयास किया जाएगा, जबकि बंगाल के बांकुड़ा से हाथियों को रेस्क्यू करने वाली एक विशेष टीम को भी बुलाया गया है, जो हाथियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने में मदद करेगी।

पौंड में कई जगह जलजमाव, कई हिस्से दलदल

ऐश पौंड एरिया में कई जगह जलजमाव है और कुछ हिस्से दलदल हैं, जिससे हाथियों के लिए और भी खतरा बढ़ गया है। पौंड के चारों ओर कुसहना, करियावां और हरली जैसे गांव बसे हुए हैं, जिससे मानव-हाथी संघर्ष की स्थिति बनी हुई है।

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